निम्नलिखित प्रश्न के उतर संक्षेप लिखिए : क) र्देवदार की छाया ओर फादर कामिल बुल्के के व्यक्तित्व में क्या समानत थी? ख) शिष्या ने डरते हुए बिस्मिल्ला खा से क्या कहा ? खाँ साहब ने उसे कैसे समजाया? ग) बालगोबिन भगत की पुत्रवदू की ऐसी कौन सी इच्छा थी जिसे वे पूरा न कर सके? कारण स्पस्त कीजिए। घ) ‘एक कहानी यह भी’ नामक पाठ की लेखिका मननु भंडारी का साहित्य की अच्छी पुस्तकों से परिचय कैसे हुआ?
Answers
Answered by
52
क) फादर बुल्के की उपस्थिति देवदार की छाया जैसी लगती है क्योंकि वह सन्यासी होते हुए भी सबके साथ पारिवारिक रिश्ता बना कर रखते थे। सबसे बड़ी बात यह थी कि वह सबके घरों में उत्सवों और संस्कारों में पुरोहित की तरह उपस्थित रहते थे । हर व्यक्ति उनसे स्नेह और सहारा प्राप्त करता था। वात्सल्य तो उनकी नीली आंखों में तैरता रहता था।
ख) एक दिन बिस्मिल्लाह खां की शिष्य ने उनकी फटी तहमद देख कर उन्हें टोकते हुए कहा” इतनी प्रतिष्ठा है आपकी। अब तो आपको भारतरत्न भी मिल चुका है यह फटी तहमद न पहना करें।” शिष्य अपने गुरु का मान सम्मान चाहती थी पर खां साहब उसकी बात सुनकर मुस्कुराए और बोले भारत रत्न हमको शहनाई से मिला है लुगिया पे नहीं।
ग) बालगोबिन भगत की पुत्र वधू की यह इच्छा थी कि वह अपने पति की मृत्यु के बाद बालगोबिन भगत के पास ही रहे क्योंकि वह बुढ़ापे में अपने ससुर की सेवा करना चाहती थी किंतु भगत अपनी पुत्र वधू का पुनर्विवाह कराना चाहते थे।
घ) शीला अग्रवाल लेखिका के कॉलेज में हिंदी अध्यापिका थी तथा खुले दिमाग वाले विद्वान महिला थी। उनके संपर्क में आकर मन्नु जी की समझ का दायरा बढ़ा। वह उसे चुन चुन कर अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए देती और उन पर लंबी बहस भी करती। इससे लेखिका की सोच विकसित हुई । यही नहीं अपितु वे देश दुनिया की राजनीतिक स्थिति से भी उसे अवगत कराती और अपनी जोशीली बातों से स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणा भी देती।
ख) एक दिन बिस्मिल्लाह खां की शिष्य ने उनकी फटी तहमद देख कर उन्हें टोकते हुए कहा” इतनी प्रतिष्ठा है आपकी। अब तो आपको भारतरत्न भी मिल चुका है यह फटी तहमद न पहना करें।” शिष्य अपने गुरु का मान सम्मान चाहती थी पर खां साहब उसकी बात सुनकर मुस्कुराए और बोले भारत रत्न हमको शहनाई से मिला है लुगिया पे नहीं।
ग) बालगोबिन भगत की पुत्र वधू की यह इच्छा थी कि वह अपने पति की मृत्यु के बाद बालगोबिन भगत के पास ही रहे क्योंकि वह बुढ़ापे में अपने ससुर की सेवा करना चाहती थी किंतु भगत अपनी पुत्र वधू का पुनर्विवाह कराना चाहते थे।
घ) शीला अग्रवाल लेखिका के कॉलेज में हिंदी अध्यापिका थी तथा खुले दिमाग वाले विद्वान महिला थी। उनके संपर्क में आकर मन्नु जी की समझ का दायरा बढ़ा। वह उसे चुन चुन कर अच्छी पुस्तकें पढ़ने के लिए देती और उन पर लंबी बहस भी करती। इससे लेखिका की सोच विकसित हुई । यही नहीं अपितु वे देश दुनिया की राजनीतिक स्थिति से भी उसे अवगत कराती और अपनी जोशीली बातों से स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भागीदारी की प्रेरणा भी देती।
Answered by
8
Answer:
- (a)जिस प्रकार देवदार का पेड़ सबको छाया और आश्रय देता है उसी प्रकार फादर कामिल बुल्के भी दुखी लोगो को विश्रांति प्रदान करते थे। प्रत्येक व्यक्ति उनसे सहारा और स्नेह प्राप्त कर सकता था। वे दुखी लोगों को सांत्वना देते थे।देवदार का वृक्ष लम्बा-चौड़ा और छायादार होता है। उसी प्रकार वे विशाल ह्रदय वाले थे। उनके मन में सबके लिए करुणा थी। वे एक महान व्यक्ति थे और सबके कल्याण के बारे में सोचते थे।
Similar questions