निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए I
(क) 'मनुष्यता ' नामक कविता के आधार पर मानवीय गुणों का उल्लेख करें I
(ख) भाव भक्ति को जागीर क्यों कहा गया है ? 'मीरा के पद' के आधार पर उत्तर दीजिए I
(ग) कबीर दास ने निंदक को सदैव अपने साथ रखने की सलाह क्यों दी है ?
(घ) गोपियाँ श्री कृष्ण की बाँसुरी क्यों छिपा लेती है ? माँगें जाने पर उनकी क्या चेष्टाएँ होती हैं ?
Answers
Answer:
मनुष्यता ' नामक कविता के आधार पर मानवीय ... (ख) भाव भक्ति को जागीर क्यों कहा गया है ? 'मीरा के पद' के आधार पर उत्तर ...
(क)
मनुष्यता कविता के आधार पर मानवीय गुण इस प्रकार होना चाहिए।
कवि के अनुसार मानव में प्रेम की भावना होनी चाहिए और जब मानव में प्रेम की भावना होती है तो मानव अपने मित्र एवं संबंधियों से अच्छे संबंध रख पाता है। इसके साथ ही मनुष्य मानव के अंदर त्याग एवं बलिदान की भावना होना भी अति आवश्यक है। यदि मनुष्य में त्याग की भावना नहीं होगी तो वह परोपकार के कार्य नहीं कर सकता। दूसरों की मदद नहीं कर सकता। मनुष्य में परोपकार, उदारता, दयालुता, विनम्रता तथा ईमानदारी भी होनी आवश्यक है।
(ख)
मीरा के पदों में भाव भक्ति को जागीर इसलिए कहा गया है क्योंकि मीरा कहती हैं कि भगवान की सेवा करने से उन्हें अनेक लाभ मिलने वाले हैं। प्रभु की निरंतर सेवा करते रहने से उन्हें प्रभु के रोज दर्शन होंगे और प्रभु का भजन करने का जो सौभाग्य उन्हें रोज मिलेगा वह उनके लिए जेब खर्च के समान होगा। इसलिए प्रभु की सेवा से मिलने वाले जो आनंद उन्हें प्राप्त होगा, वह किसी जागीर से कम नही।
(ग)
कबीर ने निंदक को सदैव अपने साथ रखने की सलाह इसलिये दी है, क्योंकि निंदक निरंतर आपको आपकी कमियां गिनाता रहेगा। कोई भी मनुष्य तब तक उन्नति नही कर सकता जब तक वह अपनी कमियों को पहचान कर उनमें सुधार न करे। निंदक हमेशा दूसरों की कमियों पर ज्यादा ध्यान रखते हैं। जब निंदक को अपने साथ रखेंगे तो आपको अपनी कमियां भी पता चलती रहेंगी और आप अपनी कमियों के बारे में जानकर उसमें सुधार कर सकते हैं।
(घ)
गोपियां श्री कृष्ण की बांसुरी इसलिए छुपा देती है कि वह श्रीकृष्ण को रिझाना चाहती हैं। वो जानती हैं कि श्री कृष्ण को अपनी बांसुरी बेहद प्रिय है और जब वह बांसुरी उन्हें नहीं मिलेगी तो वे उसे ढूंढंगे। बांसुरी ढूंढने की इसी प्रक्रिया में जब श्रीकृष्ण को पता चलेगा कि बांसुरी गोपियों ने छुपाई है तो वह बांसुरी वापस लेने के लिये गोपियों से नोकझोंक अवश्य करेंगे। इससे श्री कृष्ण का ध्यान उनकी तरफ आकर्षित होगा और गोपियों को भी श्रीकृष्ण से कुछ पल बात करने का और उन्हें रिझाने का अवसर मिल जाएगा। इसलिए गोपियां श्री कृष्ण की बांसुरी छुपा देती हैं और श्री कृष्ण के मांगे जाने पर ना-नुकर करते हुए उन्हें रिझाने की चेष्टा करती हैं।