Hindi, asked by sandeepmishra9945, 10 months ago

निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन के उत्तर दीजिए I
(क) कबीर के अनुसार वास्तविक ज्ञान क्या है ?
(ख) 'कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात' बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है ? स्पष्ट कीजिए I
(ग) श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों की रक्षा किस प्रकार की थी ? उदाहरण सहित उत्तर दीजिए I
(घ) कवि ने तालाब की समानता किससे की है और क्यों ?

Answers

Answered by shishir303
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(क)

कबीर के अनुसार वास्तिवक ज्ञान प्रेम है। जिसने प्रेम को समझ लिया वही सच्चा ज्ञानी बन गया। कबीर किताबी ज्ञान को वास्तविक ज्ञान नहीं मानते। कबीर कहते हैं कि पोथी पढ़कर अर्थात किताबें पढ़कर कोई विद्वान नहीं हो जाता। बल्कि प्रेम के ढाई अक्षर जो समझ लेता है, प्रेम के स्वरूप को ग्रहण कर लेता है, वही सच्चा ज्ञानी है। वही वास्तविक ज्ञान को पा लेता है।

(ख)

'कहिहै सबु तेरौ हियौ, मेरे हिय की बात' बिहारी की नायिका यह सब इसलिए कहती है,  क्योंकि उसे ऐसा महसूस होता है कि वो जो भी संदेश लिखेगी, उसके लिए कागज छोटा पड़ सकता है। नारी सुलभ लज्जा कारण नायिका अपने प्रिय के लिये संदेश बोलकर कहने में में लज्जा का अनुभव करती है। इसलिये वह संदेशवाहक से कहती है, कि वो उसके प्रिय को कह दे कि वो अपने हृदया की वेदना से उसके (नायिका) के हृदय की वेदना का अनुभव कर ले। यहाँ पर नायिका मान बैठी है, जिस तरह अपने प्रियतम के विरह की वेदना में वह व्याकुल है, उसी तरह उसका प्रिय भी उसके विरह की वेदना में व्याकुल होगा।

(ग)

कृष्ण ने अपने भक्तों की रक्षा अनेक तरह के रूप धरकर की थी। जब द्रोपती का भरी सभा में अपमान हो रहा था और दुःशासन उसे निर्वस्त्र करने का प्रयत्न कर रहा था, तब श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को साड़ी वस्त्र प्रदान कर द्रौपदी की लाज की रक्षा की थी। भक्त प्रह्लाद को हिरण्यकश्यप से बचाने के लिए श्री कृष्ण ने नरसिंह का रूप धारण कर प्रह्लाद की रक्षा की थी। उसी तरह श्री कृष्ण के भक्तों पर जब भी कोई संकट आता है तो वे कोई ना कोई रूप धारण कर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

(घ)

कवि ने तालाब की तुलना एक विशाल दर्पण से की है, क्योंकि तालाब का जल एकदम स्वच्छ एवं निर्मल है, जिसमें अपना प्रतिबिंब आसानी से देखा जा सकता है। जिस तरह दर्पण में अपना प्रतिबिंब देखते हैंस उसी तरह तालाब में भी आपका स्वच्छ एवं निर्मल प्रतिबिंब आसानी से देखा जा सकता है और पर्वत आदि अपना प्रतिबिंब विशाल तालाब रूपी दर्पण में देखकर निहार रहे हैं। इसलिए कवि ने तालाब की तुलना दर्पण से की है।

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