Hindi, asked by Riyashhhhh1430, 9 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
चींटी है प्राणी सामाजिक,
वह श्रमजीवी, वह सुनागरिक ।
देखा चींटी को ?
उसके जी को ?
भूरे बालों की सी कतरन,
छिपा नहीं उसका छोटापन,
वह समस्त पृथ्वी पर निर्भय
विचरण करती, श्रम में तन्मय,
वह जीवन की चिनगी अक्षय ।
वह भी क्या देही है तिल-सी ?
प्राणों की रिलमिल झिलमिल-सी ।
दिन भर में वह मीलों चलती,
अथक, कार्य से कभी न टलती ।

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Answered by bhatiamona
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निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या और उसका काव्यगत-सौन्दर्य

प्रसंग: इन पंक्तियों में कवि ने चींटी के गुणों और उसकी क्रियाशीलता का वर्णन किया है|

व्याख्या : चींटी हमारे समाज का एक हिस्सा है | चींटी का एक अपना समाज होता है और उसी के साथ वह मिल-झूल कर रहती है| वह कठोर परिश्रमी जीव है और उसमें एक अच्छे नागरिक को सभी विद्यमान है|

कवि कहता है , की तुमने चींटी को ध्यान से देखा होगा , वह एक बहुत ही छोटा सा जीव है, परंतु उसका हृदय और आत्मबल बहुत विशाल है| चींटियों की पंक्ति भूरे बालों की कतरन के समान दिखाई देती है| वह छोटी है सब जानते है, लेकिन उस के हृदय में असीम साहस है| वह सारी पृथ्वी पर जहाँ चाहती है , निर्भय होकर घूमती है| उसे किसी भी स्थान में घूमने से दर नहीं लगता है| वह लगातार अपने श्रम से भोजन को एकत्र करती है करने के काम से तल्लीन होकर जुटी रहती है| वह जीवन में कभी भी थकने वाली जीव है , वह अपने काम से कभी नहीं टलती है | देखने वह बेशक छोटी है , परंतु उस में जीवन की सम्पूर्ण ज्योति  जगमगाती है| दिन-भर में वह कई मिल की लम्बी यात्रा पूरी करती है , फिर भी कभी नहीं थकती है | धूप, छाया , वर्षा में भी वह अपना कार्य करने से नहीं चकती है|

काव्यगत-सौन्दर्य

पन्त जी ने चींटी जैसे लघु प्राणी में भी आदर्श सामाजिक प्राणी के गुण देखे है|

भाषा-साहित्यिक खड़ी बोली |

शैली-वर्णात्मक  

रस-वीर  

अलंकार- उपमा भूरे रंग बालों की सी कतरन , रिलमिल-झिलमिल में अनुप्रास  |

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निम्नलिखित गद्यांश में नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए—

आप कहेंगे कि निन्दा के बाण से अपने प्रतिद्वन्द्वियों को बेधकर हँसने में एक आनन्द है और यह आनन्द ईर्ष्यालु व्यक्ति का सबसे बड़ा पुरस्कार है । मगर, यह हँसी मनुष्य की नहीं, राक्षस की हँसी होती है और यह आनन्द भी दैत्यों का आनन्द होता है ।

(अ) प्रस्तुत गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।

(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।

(स) ईर्ष्यालु व्यक्ति का सबसे बड़ा पुरस्कार क्या है ?

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