Hindi, asked by iamabhaymittal8906, 9 months ago

निम्नलिखित पद्यांश की सन्दर्भ सहित हिन्दी में व्याख्या कीजिए और उसका काव्यगत-सौन्दर्य भी स्पष्ट कीजिए—
जब तक साथ एक भी दम हो,
हो अवशिष्ट एक भी धड़कन ।
रखो आत्म-गौरव से ऊँची
पलकें, ऊँचा सिर, ऊँचा मन ।।
एक बूँद भी रक्त शेष हो,
जब तक मन में हे शत्रुंजय ।
दीन वचन मुख से न उचारो,
मानो नहीं मृत्यु का भी भय ।।

Answers

Answered by bhatiamona
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प्रसंग-प्रस्तुत पंक्तियों में त्रिपाठी जी स्वाभिमान की भावना बनाए रखने पर बल दे रहे है|

व्याख्या: कवि त्रिपाठी जी का कथन है की जब तक मनुष्य तुम्हारी सांसे चल रही है और तुम्हारा हृदय धड़क रहा है, तब तक तुम्हें अपना और अपने देश का गौरव ऊँचा रखना है| अपनी पलकें , अपना सिर तथा अपना मनोबल ऊँचा रखना है, तुम्हें ऐसा कोई कार्य नहीं करना जिससे तुम्हें किसी के सामने सिर झुकाना पड़े , आँखें नीची करनी पड़े और दिन-हिन् बनना पड़े| जब तक तुम्हारे शरीर में एक भी बूंद बाकी तब तक शत्रु को जितने वाले भारतीय बनो| देश की रक्षा करते हुए यदि तुम्हारी मृत्यु भी हो जाए तो तुम्हें उसका भी डर नहीं होना चाहिए|  

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