निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
यथा सोम्यैकेन मृत्पिण्डेन सर्वं मृन्मयं विज्ञातं स्याद्वाचारम्भणं विकारो
नामधेयं मृतिकेत्येव सत्यम् ।।
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Answer:
iska matlab hai ki jo log dharan kar lete hain unko Koi Nahin rok Sakta vah Apna Kam karte hi Rahte Hain Jab Tak Tum Ko safalta Nahin Mil jaati
यथा सोम्यैकेन मृत्पिण्डेन सर्वं मृन्मयं विज्ञातं स्याद्वाचारम्भणं विकारो नामधेयं मृतिकेत्येव सत्यम् ।।
संदर्भ — यह श्लोक छांदोग्य उपनिषद से उद्धृत किया गया है। इस श्लोक में आरुणि अपने पुत्र श्वेतकेतु को ज्ञान की बातें बता रहे हैं।
भावार्थ — पिता आरुणि अपने पुत्र श्वेतकेतु से कहते हैं कि हे श्वेतकेतु ! जिस प्रकार मिट्टी के बने पात्रों को देखकर उनके मिट्टी द्वारा बने होने का आभास नहीं किया जा सकता, लेकिन वास्तव में मिट्टी के ही बने होते हैं अर्थात उन पात्रों में मृक्तित्व है यानि मिट्टी रूपी तत्व है, यही परम सत्य है।
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भवति शिशुजनो वयोऽनुरोधाद्
गुणमहतामपि लालनीय एव ।
व्रजति हिमकरोऽपि बालभावात् ।
पशुपति-मस्तक-केतकच्छदत्वम् ॥
https://brainly.in/question/11441931
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निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
उत्तरं यत् समुद्रस्य हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम् ।
वर्षं तद् भारतं नाम भारती यत्र सन्ततिः ।।
https://brainly.in/question/15930793