निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
स ह द्वादशवर्षं उपेत्य चतुर्विंशतिवर्षः सर्वान्वेदानधीत्य महामना
अनूचानमानी स्तब्ध एयाय तं ह पितोवाच ।।
Answers
स ह द्वादशवर्षं उपेत्य चतुर्विंशतिवर्षः सर्वान्वेदानधीत्य महामना
अनूचानमानी स्तब्ध एयाय तं ह पितोवाच ।।
संदर्भ — यह श्लोक छांदोग्य उपनिषद से उद्धृत किया गया है। इस श्लोक में आरुणि अपने पुत्र श्वेतकेतु को ज्ञान की बातें बता रहे हैं।
व्याख्या — 12 वर्ष तक आश्रम में जाकर अपनी 24 वर्ष की आयु तक श्वेतकेतु ने सारे वेदों का अध्ययन किया। इस तरह विद्या ग्रहण कर और वेदों आदि का अध्ययन करके वह अभिमानी और पांडित्य का अहंकार लेकर अपने घर लौटा तो उसके पिता ने उससे कहा।
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
संबंधित कुछ अन्य प्रश्न...►
निम्नलिखित संस्कृत-पद्यांश/श्लोक का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए—
यथा सोम्यैकेन मृत्पिण्डेन सर्वं मृन्मयं विज्ञातं स्याद्वाचारम्भणं विकारो
नामधेयं मृतिकेत्येव सत्यम् ।।
https://brainly.in/question/15930794
═══════════════════════════════════════════
भवति शिशुजनो वयोऽनुरोधाद्
गुणमहतामपि लालनीय एव ।
व्रजति हिमकरोऽपि बालभावात् ।
पशुपति-मस्तक-केतकच्छदत्वम् ॥
https://brainly.in/question/11441931