Hindi, asked by bhavnad5825, 11 months ago

नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है ?

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Answered by shishir303
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नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उनका यह स्वभाव उनके दिखावटी स्वभाव को प्रकट करता है। नवाब साहब ने लेखक के सामने खीरा काटा और फिर सूंघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया। शायद वह अपनी झूठी आन-बान के एक के सामने खीरा खाने से शर्मा रहे हों। वह खीरे को एक साधारण वस्तु समझते थे और खीरे जैसी आम वस्तु को खाकर वह अपनी श्रेष्ठता को कम नहीं करना चाहते। भले ही वह अकेले में खीरे को खाते हों, लेकिन लेखक के सामने किया खाने में संकोच कर रहे थे, क्योंकि वह एक दिखावे की जिंदगी जी रहे थेय़ अगर उन्हें खीर बिल्कुल भी पसंद ना होता तो वह खीरा ना ही अपने साथ लाते ना ही उसको काटते। वह खीरा खाते थे, लेकिन खीरा एक साधारण वस्तु होने के कारण लोगों के सामने नहीं खाना चाहते, क्योंकि वह खुद को नवाब समझते हैं और खुद को श्रेष्ठ समझते हैं उनकी नजर में खीरे जैसी चीज आम लोग खाते हैं।

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Answered by ParishiHGAgrawal
2

Answer:

नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा,नमक-मिर्च बुरका,अंततः सूँघकर खिड़की से बाहर फेंक दिया।उनका यह बर्ताव स्वयं को खास दिखाने और लेखक पर अपनी अमीरी का रौब झाड़ने के लिए था।उनका ऐसा करना दंभ,मिथ्या-आडंबर,प्रदर्शन-प्रियता एवं उनके व्यवहारिक खोखलेपन की ओर संकेत करता है।

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