NCERT hindi ( Vasant ) class 7 chapter 15 ( Neelkanth) summary in 15 lines
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वसन्त ऋतु का हम सभी को आनंद देने वाला होता है। भारत में वसन्त ऋतु मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह सर्दियों के तीन महीनों के लम्बे समय के बाद आती है, जिसमें लोगों को सर्दी और ठंड से राहत मिलती है। वसन्त ऋतु में तापमान में नमी आ जाती है और सभी जगह हरे-भरे पेड़ों और फूलों के कारण चारों तरफ हरियाली और रंगीन दिखाई देता है। वसंत ऋतु के आगमन पर सब लोग वसंत पंचमी का त्यौहार मना खुशियाँ मनाते हैं।
'नीलकंठ' पाठ का सारांश
'नीलकंठ' पाठ महादेवी द्वारा रचित है। इस कहानी में मनुष्य और पक्षियों के आपसी प्रेम का बहुत ही सुंदर रूप देखने को मिलता है। नीलकंठ पाठ में लेखिका ने अपने सभी पालतू पशुओं में से एक मोर जिसका नाम नीलकंठ है , उसके स्वभाव और व्यवहार का वर्णन किया गया है |
नीलकंठ कहानी भी पशु पक्षी की कहानी में से एक है। यहां नीलकंठ एक मोर है। महादेवी अपने साथ दो मोरनी के बच्चे ले आती हैं। एक नर मोर का नाम वह नीलकंठ रखती हैं और दूसरे मादा मोर का नाम राधा। नीलकंठ स्वभाव में स्नेही, निडर, और साहसी है। दोनों में आपस में ने बहुत प्यार था| एक दिन महादेवी कुब्जा मोरनी को ले आई | कुब्जा मोरनी नीलकंठ को बहुत पसंद करती थी |
कुब्जा राधा से बहुत जलन करती थी| राधा के द्वारा दिए गए अंडो को कुब्जा अपनी चोंज से तोड़ देती है| नीलकंठ यह दुःख बर्दाश नहीं का पाया और उसे कुब्जा मोरनी के आने से नीलकंठ को अकाल मृत्यु का ग्रास बनना पड़ता है। राधा उसे केका ध्वनि से उसे बुलाती रहती |
नीलकंठ कहानी से पता चलता है कि पशु-पक्षियों में भी प्यार , भावना होती है|