History, asked by helloday, 9 months ago

Only for genius and ace कर्ण की किस बात पर कृष्ण ने उन्हें धर्म की याद दिलाई ?
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Answered by kamalraja8786
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Answer:

महाभारत युद्ध में दौरान कौरव और पांडव दोनों की सेना के कई योद्धा मारे जा चुके थे। जिसके बाद अब इस युद्ध में अब बारी थी अर्जुन और कर्ण के आमने-सामने की। दोनों एक-दूसरे का डटकर सामना कर रहे थे कि कर्ण के रथ का पहिया ज़मीन में धंस गया। अपने रथ को ज़मीन में धंसता देख दानवीर कर्ण रथ से उतरकर पहिए को निकालने का प्रयास करने लगे। उस समय अर्जुन ने अपने धनुष को उठाया और उस पर चढ़ा बाण चलाना चाहा। उस समय कर्ण ने अर्जुन से कहा कि कायरों की तरह व्यवहार करना बंद करो, निहत्थे पर प्रहार करना तुम्हारे जैसे यौद्धा को शोभा नहीं देता। मुझे रथ का पहिया निकालने दो, फिर मैं तुमसे युद्ध करूंगा। कुछ देर रुको।

कर्ण ये बातें सुनकर तब श्रीकृष्ण ने कहा कि जब कोई अधर्मी संकट में फंसता है, तभी उसे धर्म की याद आती है। जब द्रौपदी का चीर हरण हो रहा था, जब द्युत क्रीड़ा में कपट हो रहा था, तब किसी को न धर्म की याद नही आई और किसी ने धर्म का साथ नहीं दिया।

वनवास के बाद भी पांडवों को उनका राज्य न लौटाना, 16 साल के अकेले अभिमन्यु को अनेक यौद्धाओं द्वारा घेरकर पारजित कर मारना क्या ये अधर्म नहीं था। उस समय तुम्हारा धर्म कहां था कर्ण?

श्रीकृष्ण की ये बातें सुनकर कर्ण निराश हो गया था। उस समय उसे धर्म की बात करने का कोई अधिकार नहीं था। क्योंकि जाने-अनजाने में उसने सदैव अधर्म का ही साथ दिया था।

श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि तुम मत रुको और बाण चलाओ। अर्जुन ने तुरंत ही कृष्ण की बात मानकर कर्ण पर प्रहार कर दिया। बाण लगने के बाद श्रीकृष्ण ने कर्ण की दानवीरता की प्रशंसा की थी। परंतु कर्ण द्वारा हर बार दुर्योधन के अधार्मिक कामों में सहयोग करने के कारण ही उसकी मृत्यु का असल कारण था

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