पानी का संकट वर्तमान स्थिति में भी बहुत गहराया हुआ है। इसी तरह के पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकटों के बारे में लिखिए।
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पानी का संकट वर्तमान स्थिति में भी बहुत गहराया हुआ है। पर्यावरण से संबद्ध अन्य संकट आने वाले है :
मनुष्य ने अपने स्वार्थ के के लिए पर्यावरण के संतुलनको बिगाड़ दिया है| इस कारण पर्यावरण असंतुलन विद्यमान हो गया है और बहुत प्रकार के संकट उपस्थित हो रहे हैं। इस समय में प्लास्टिक संकट गहराया हुआ है। प्लास्टिक कचरे ने सारे संसार में विकट स्थिति पैदा कर दी है। इसे न जलाया जा सकता है और न ही यह स्वयं नष्ट होता है।
कारखाने विषैली गैस छोड़ रही है , और काला धुआं प्रदूषण को बढ़ावा दे रहा है| वृक्षों की कटाई से दूषित हो रहा , साँस लेने को मुश्किल हो रही है|
यह जहाँ रहता है, वहाँ कोई वस्तु पनप ही नहीं पाती है। इस कारण से यह संकट बना हुआ है। ग्लोबल वार्मिंग एक दूसरी विकट संकट है। इसके कारण ध्रुवों में स्थित बर्फ तेज़ी से पिघल रही है। यदि यही स्थिति रही, तो सभी समुद्रों का जलस्तर बढ़ जाएगा। सभी कारणों की वजह से एक सदीं हम सब नष्ट हो जाएँगे |