Hindi, asked by Jitu2820, 11 months ago

प्रकृति सजीव नारी बन गई' - इस कथन के संदर्भ में लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी मान्यताएंँ स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by gauravarduino
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Explanation:

'प्रकृति सजीव नारी बन गई'-इस कथन के संदर्भ में लेखक की प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी. मान्यताएँ स्पष्ट कीजिए।

Answered by PravinRatta
7

लेखक द्वारा यह तुलना करना की प्रकृति सजीव नारी हो गई है, यह अलंकार को दर्शाता है क्योंकि यह एक निर्जीव कि तुलना सजीव से कि गई है।

हम सभी जानते हैं कि किसी भी नारी का जिक्र होने से उसके सौन्दर्य की बात आती है। हमारी प्रकृति भी हमारे चारों ओर सौंदर्य बिखेरी हुई है।

जैसे एक नारी को सौंदर्य से जाना जाता है उसी तरह प्रकृति के भी सौंदर्य कि भी चर्चा की जाती है। एक नारी जैसे अपने बच्चे को गोद में रखती है वैसे ही प्रकृति भी अपने गोद में हम सभी को शरण दिए हुए हैं।

नारी तरह प्रकृति के कई गुण आपस में मिलने के कारण इनकी तुलना हुई है और प्रकृति को सजीव नारी कहा गया है।

जैसे नारी का शोषण होता है वैसे ही हम अपने फायदों के लिए प्रकृति का शोषण कर रहे है। हमें नारी तथा प्रकृति दोनों का खयाल रखना चाहिए।

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