पाठ में आए रोटियों के अलग-अलग नामों की सूची बनाएँ और इनके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
Answers
Explanation:
मियाँ नसीरुद्धीन का नानबाई रोटी पकाने का अंदाज़ निराला है। वह उसे काम नहीं कला समझता है। यह कला उस अपने खानदान से विरासत में मिली है। अन्य नानबाई रोटी अवश्य पकाते हैं लेकिन नसीरुद्धीन की तरह अपने काम से प्यार नहीं करते हैं। उन्हें छप्पन तरह की रोटियाँ बनानी आती हैं। अन्य नानबाईयों के लिए यह काम उनकी जीविका का साधन है और मियाँ नसीरुद्धीन के लिए यह एक कला है, जिसे पकाने में उन्हें आनंद आता है। उसकी मसीहाई अंदाज़ और सर्वश्रेष्ठता के कारण ही उसे नानबाइयों का मसीहा कहा जाता है।
पाठ में आए रोटियों के अलग अलग नाम इस प्रकार हैं।
• रूमाली रोटी - यह बहुत पतली तथा रुमाल की तरह गोल होगी है इसलिए नाम रूमाली रोटी रखा गया है। तंदूरी व्यंजनों के साथ रूमाली रोटी बहुत पसंद की जाती है।
• बाकरखानी- यह एक मसालेदार बिस्किट की तरह होती है। इसकी ऊपरी सतह कड़ी होती है।
• शीरमाल - यह एक प्रकार की मीठी रोटी है जिसे मैदे तथा दूध से बनाया जाता है।यह मांसाहारी चीजों के साथ खायी जाती है।
• बेसनी - इसे मट्ठी भी कहा जाता है। इसे सूजी, मैदा तथा आटे में घी मिलाकर बनाया जाता है।
• अन्य रोटियां है खमीरी, दीदा, गाजेबाज , तुनकी।