Hindi, asked by AmaNoP, 7 months ago

pradushan speech in hindi

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Answered by swaikamohit
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Explanation:

सभी को मेरा सुप्रभात। इस कार्यक्रम के आयोजन पर, मैं आप सभी के सामने प्रदूषण के विषय पर कुछ कहना चाहता/चाहती हूँ। मेरे प्यारे मित्रों, प्रदूषण हमारे लिए अंजान शब्द नहीं है। हम सभी इससे, और वातावरण और हमारे जीवन पर इसके बुरे प्रभावों बहुत अच्छे से परिचित है। प्राकृतिक वातावरण में पृथ्वी पर सजीवों के जीवन, वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक सभी चीजें मौजूद हैं। यद्यपि, तब क्या होगा, यदि ये वातावरण बहुत से साधनों के द्वारा प्रदूषित हो जाये। सभी चीजें अव्यवस्थित हो जायेंगी और यहाँ जीवन के अस्तित्व को बाधित करेगी।

प्रदूषण प्राकृतिक संसाधनों में खतरनाक अप्राकृतिक तत्वों के मिश्रण के कारण होता है जो पारिस्थितिकी तंत्र में असंतुलन पैदा करता है और इस प्रकार मनुष्य और पशुओं के लिए विभिन्न स्वास्थ्य के खतरों का कारण बनता है। प्रदूषण पारिस्थितिक तंत्र और संतुलन को नष्ट कर रहा है। यह सब औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, वनोल्मूलन, तकनीकी उन्नति, अत्यधिक जनसंख्या आदि के कारण हो रहा है। ये सभी विषाक्त गैसों के बढ़ते स्तर (वायु प्रदूषण का कारण), ठोस/तरल अपशिष्ट (जल, खाद्यान्न और मृदा प्रदूषण का कारण) और आवाज (ध्वनि प्रदूषण का कारण) के बहुत बड़े कारण है। ये सभी प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र में कुछ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से असंतुलन के कारण है।

ये अब हल करने के लिए आवश्यक चिन्ता और विचार का विषय है। प्रदूषण के कारण, बच्चे जन्म से ही बहुत सी कमियों के साथ पैदा हो रहे हैं और बहुत सी जानलेवा बीमारियों जैसे; कैंसर, मधुमेह (डायबिटीज), हृदय रोग आदि के कारण लोगों की जीवन प्रत्याशा कम हो गयी है। मैं आपसे प्रदूषण के बारे में कुछ तथ्य साझा करना चाहता/चाहती हूँ: विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, सभी मृत्युओं में से लगभग 6.7 प्रतिशत मृत्यु और विश्वभर में 7 लाख अकाल मृत्यु वायु प्रदूषण के कारण हो रही हैं। मिस्सिपी नदी में लगभग 15 लाख मीट्रिक टन नाइट्रोजन प्रदूषण लिए हुए है। चीन द्वारा किया जाने वाला प्रदूषण संयुक्त राज्य अमेरिका की मौसमी व्यवस्था को बदल सकता है। संयुक्त राज्य अमेरिका के लैडफिलों (जहाँ अपशिष्टों को नष्ट किया जाता है) को लगभग 56 प्रतिशत कचरे ने घेरा हुआ हैं, जिसमें से आधे केवल कागज है।

वैश्विक पर्यावरण प्रदूषण, सबसे हानिकारक प्रदूषक जीवाश्म ईंधन है। इसने बहुत से बुरे प्रभावों को विशेषरुप से वायु, पानी, मिट्टी के माध्यम से निर्मित किया है। अपने वातावरण को सुरक्षित करना और इसके प्राकृतिक मूल्य को सुधारना हम सभी का मौलिक कर्तव्य है। हमें इस समस्या का सामना करने और अपनी नयी पीढ़ी को अच्छा और स्वस्थ्य भविष्य देने के लिए हमें अपने सबसे बेहतर प्रयासों को करना चाहिये।

धन्यवाद।

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