"Question 2 निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए - उनका यह दृढ़ मतंव्य था कि दर्शकों की रूचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्त्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रूचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे।
Class 10 - Hindi - तीसरी कसम के शिल्पकार �... Page 95"
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लेखक ने यहां फिल्म निर्माता और कलाकार के विषय में कवि शैलेंद्र के विचारों को प्रकट किया है। लेखक के अनुसार कवि एवं संगीतकार शैलेंद्र की रीड मान्यता थी कि फिल्मों में दर्शकों की रुचि का सहारा लेकर निम्न स्तर की सामग्री का प्रयोग नहीं होना चाहिए। फिल्म निर्माता को उच्च स्तर के दर्शकों का भी ध्यान रखना चाहिए। दर्शक सभी प्रकार के होते हैं। केवल कुछ दर्शकों को खुश करने के लिए अन्य दर्शकों पर घटिया सामग्री को नहीं थोपना चाहिए। साथ ही उनका यह भी मानना था कि कलाकार को चाहिए कि वह दर्शकों की रुचियों को साफ सुथरा बनाने की कोशिश करें। कलाकार का कर्तव्य है कि वे दर्शकों की निम्न रुचियों को ध्यान में रखकर अभिनय ना करें अपितु उसे दर्शकों की रुचियों को अपने अभिनय से श्रेष्ठ रूप में बदलने का प्रयास करना चाहिए।
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