Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 3 भाव स्पष्ट कीजिए − गिरिवर के उर से उठ-उठ कर उच्चाकांक्षाओं से तरुवर हैं झांक रहे नीरव नभ पर अनिमेष, अटल, कुछ चिंतापर।

Class 10 - Hindi - पर्वत प्रदेश में पावस Page 28"

Answers

Answered by nikitasingh79
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प्रसंग:प्रस्तुत पंक्तियां सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित कविता पर्वत प्रदेश में पावस से ली गई है। इस कविता में कवि ने वर्षा ऋतु में हर पल बदलते हुए पर्वतीय प्रदेश की प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन किया है।

व्याख्या:प्रस्तुत पंक्तियों से कवि यह बताना चाहता है कि पर्वत की चोटियों पर पेड़ उगे हुए थे जो पर्वत के हृदय से उठे हुए लगते थे। पर्वत की चोटियों पर उगे ऊंची ऊंची में पेड़ आकाश में जाते हुए ऐसे लग रहे थे मानो ऊंचा उठने की आकांक्षा से कोई व्यक्ति सब प्रकार की चिंताओं से मुक्त होकर निरंतर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की ओर बढ़ रहा हो।
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