"Question 4 कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा? चालीस-पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
Class 7 - Hindi - चिड़िया की बच्ची Page 73"
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कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलना प्रसन्नता की बात है। आजादी सबको प्रिय होती है। कोई भी पराधीन रहकर खुश नहीं रह सकता। पक्षी तो खुले आसमान में विचरते अच्छे लगते हैं। सेट का लालच भी चिड़िया की आजादी को नहीं खड़ी सका था। चिड़िया को तो अपनी मां, घोसला सूरज की धूप, नदी का पानी, खुली हवा तथा फूल अच्छे लगते थे। इसलिए वह आने वाले खतरे से सावधान थी। उसकी सावधानी ही उसे स्वतंत्र रहने में सहायक हुई।
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उत्तर : कहानी के अंत में नन्हीं चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर मुझे ख़ुशी महसूस हुई। इस कारण ही वह अपने माँ के पास वापस पहुँच पाई नहीं तो माधवदास के पिंजरों में सदा के लिए कैद हो जाती। अगर ऐसा होता तो वह स्वछंद होकर उड़ नहीं पाती। उसे सारी जिंदगी कैद में गुजारना पड़ता और वह माधवदास के लिए बस एक मन बहलाने का सामान बन रह जाती जो कि बहुत बुरा होता चूँकि स्वतंत्रता सभी को प्रिय है।
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