"Question 7 लेखक अपने छात्र जीवन में स्कूल से छुट्टियों में मिले काम को पूरा करने के लिए क्या-क्या योजनाएँ बनाया करता था और उसे पूरा न कर पाने की स्थिति में किसकी भाँति 'बहादुर' बनने की कल्पना किया करता था?
Class 10 - Hindi - सपनों के-से दिन Page 30"
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लेखक के छात्र जीवन में अप्रैल से स्कूल आरंभ होते थे। डेढ़ महीना स्कूल जाने के बाद उन्हें देर 2 महीने की छुट्टियां मिलती थी। पहला एक महीना वह खेलकूद में निकाल देते थे या फिर अपनी मां के साथ अपने ननिहाल जाते थे। यदि ननिहाल नहीं जाती है तो घर के पास तालाब में नहाते और पास के रेत के टीले से खेलते थे। देर से खेलना और तालाब में नहाने का कार्यक्रम कई बार चलता था।जब छुट्टियों का एक महीना बाकी बचता था तो स्कूल से मिले काम की याद आने लगती थी। गणित वाले मास्टर जी 200 से कम सवाल नहीं देते थे। वह 10 सवाल हर रोज करने की योजना बनाते इस प्रकार 200 सवाल 20 दिन में पूरे हो जाएंगे ऐसा सोच कर फिर खेल में लग जाते थे। इस प्रकार 15 दिन निकल जाते थे फिर वह 15 सवाल प्रतिदिन करने की सोचते थे। लेखक के कई साथियों को छुट्टियों में स्कूल का काम करने के बजाए मास्टर के हाथों से मार खाना सस्ता सौदा लगता था। लेखक के साथियों में ओमा नामक एक साथी था, जो बहुत बहादुर था। लेखक भी काम करने की बजाएं ओमा की तरह बहादुर बन कर मार खाने के लिए तैयार हो जाता था।
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लेखक के स्कूल की छुट्टियाँ होती और उसमें जो काम करने के लिए मिलता उसे पूरा करने के लिए लेखक समय सारणी बनाता। कौन-सा काम, कितना काम एक दिन में पूरा करना है। जैसे हिसाब के मास्टर द्वारा दिए गए 200 सवालों को पूरा करने के लिए रोज दस सवाल निकले जाने पर 20 दिन में पूरे हो जाएँगे लेकिन खेल कूद में लेखक का समय बीत जाता और काम न हो पाता। धीरे-धीरे समय बीतने लगता तो लेखक ओमा नामक ठिगने और बलिष्ठ लड़के जैसा बहादुर बनना चाहता था जो उद्दंड था और काम करने के बजाए पिटना सस्ता सौदा समझता था।
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