Hindi, asked by BrainlyHelper, 1 year ago

"Question 8 पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।

Class 10 - Hindi - सपनों के-से दिन Page 30"

Answers

Answered by nikitasingh79
200
पाठ में वर्णित घटनाओं के आधार पर पीटी सर की चारित्रिक विशेषताएं इस प्रकार हैं:

१. व्यक्तित्व:
मास्टर प्रीतम चंद देखने में दुबले-पतले लगते थे परंतु उनका शरीर गठीला था। उनका कद छोटा था। चेहरे पर माता के दाग थे। उनकी आंखे बाज़ जैसी तेज थी। वे खाकी वर्दी और फौजियों वाले भारी भरकम बूट पहनते थे। उनका पूरा व्यक्तित्व बच्चों को भयभीत करने वाला था।

२. अनुशासन पसंद :पीटी सर अनुशासन में रहना पसंद करते थे। उन्हें अनुशासनहीनता पसंद नहीं थी। स्कूल में प्रार्थना के समय सभी लड़के अपनी ऊंचाई के अनुसार लाइन में सीधे खड़े होते थे। यदि कोई लड़का खिलता हुआ दिखाई दे जाता था तो मास्टर प्रीतम चंद उस लड़के को वही बुरी तरह मारने लगते थे।

३. कठोर स्वभाव:
पीटी सर का स्वभाव बहुत कठोर था। बच्चे उनसे बहुत ज्यादा डरते थे। बच्चों ने उन्हें कभी भी हंसते या मुस्कुराते हुए नहीं देखा था। स्काउटिंग की परेड का अभ्यास करवाते समय यदि कोई गलती नहीं होती तो वह बच्चों को शाबाश कहते थे। बच्चों के लिए वह शाबाश किसी फौजी तमगे से कम नहीं होती थी। पीटी मास्टर के मुंह से निकली शाबाश सारा साल कॉपियों पर मास्टरों से मिलने वाली गुडों से ऊपर होती थी।

४. भावना रहित:पीटी मास्टर प्रीतम चंद में मानवीय भावनाएं बिल्कुल नहीं थी। वह छोटे-छोटे बच्चों को छोटी सी छोटी गलती पर भी बहुत बड़ी सजा देने में झिझकते नहीं थे। एक बार मास्टर प्रीतम चंद ने चौथी कक्षा के बच्चों को शब्द रूप याद करके ना आने पर उन्हें झुककर टांगों के पीछे से बाहें निकालकर कान पकड़ने की सजा दी। कमजोर और छोटे-छोटे बच्चे 3:00 4 मिनट में ही थकान के कारण गिर पड़े परंतु मास्टर जी पर इस बात का कोई प्रभाव नहीं हुआ। अपने इस अमानवीय व्यवहार के कारण उन्हें हेडमास्टर शर्मा जी ने नौकरी से भी निकाल दिया था।

५. पक्षी प्रेम:मास्टर प्रीतम चंद को छोटे-छोटे बच्चों के साथ कोई दया या प्रेम नहीं था परंतु उंहें पक्षियों से प्रेम था। उन्होंने दो तोते पाले हुए थे। वह उन दोनों को बदाम की गिरिया खिलाते थे और उन से मीठी-मीठी बातें भी करते थे। मास्टर प्रीतम चंद का पक्षियों से मीठी-मीठी बातें करना बच्चों को एक चमत्कार सा लगता था। जो अध्यापक स्कूल में बच्चों को बुरी तरह से मारा और घर में पक्षियों के साथ अच्छा व्यवहार करें यह किसी चमत्कार से कम नहीं था।
मास्टर प्रीतम चंद को अपने कठोर और अमानवीय व्यवहार के कारण ही स्कूल से निकाल दिया गया था। उन्हें अपनी गलती पर कोई पछतावा नहीं था।

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Answered by DARSHAN0987
11
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