संथाल विद्रोह के कारण और उसके परिणामों का वर्णन करें
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इस विद्रोह का मूल कारण अंग्रेजों के द्वारा जमीदारी व्यवस्था तथा साहूकारों एवं महाजनों के द्वारा शोषण एवं अत्याचार था. इस विद्रोह का नेतृत्व सिद्धू, कान्हू, चांद और भैरव में किया था. संथालों के हितों की रक्षा का ख्याल रखते थे. वे गांव के लोगों से लगान वसूलते थे तथा उसे एक साथ राजकोष में जमा करते थे।
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Explanation:
बंगाल के विभाजन ने सांप्रदायिक फुट को जन्म दिया था भारतीय राष्ट्रवाद पर लार्ड कर्जन का सबसे बड़ा हमला था बंगाल का विभाजन करना बंग-भंग राष्ट्रवाद पर हमला होने के साथ ही हिंदू मुस्लिम एकता को तोड़ने और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने की कुटिल नीति का हिस्सा था इस कारण 1904 में बंग भंग की योजना का औचित्य मुस्लिम जनता को समझाते हुए कर्जन ने दावा किया था बंगाली मुसलमानों को एकता का ऐसा अवसर प्रदान किया जा रहा है जो मुसलमान सूबेदारों और बादशाहों के समय से उन्हे नसीब नहीं हुआ था ब्रिटीश सरकार द्वारा मुसलमानों को यह अवसर क्यों प्रदान किया गया इसे पूर्वी बंगाल के नए प्रांत के प्रथम लेफ्टिनेंट गवर्नर ब्लामफील्ड फूलर ने अपने भाषणों मे स्पष्ट किया कि अंग्रेज सरकार की दो पत्नियां हैं हिंदू और मुसलमान इनमें वह मुसलमान को अधिक चाहती है सरकार की यह विभाजनकारी नीति एक बड़ी सीमा तक सफल रही 1906मे पूर्वी बंगाल में हुए दंगे इस नीति का ही नतीजा थे बंगाल विभाजन के विरोध में जो स्वदेशी आंदोलन चलाया उस में मुसलमान बड़ी संख्या में अलग रहे इसका प्रमुख कारण था कि अंग्रेज द्वारा मुसलमानों को समुचित सुविधाएं देकर राष्ट्रीय आंदोलन से अलग हो सरकार के पक्ष में रखा जा सकता है इस प्रकार बंगाल विभाजन में से सांप्रदायिकता का उदय हुआ
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