शारीरिक क्षमता परीक्षण के उद्देश्य एवं लाभ बताइये।
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शारीरिक फिटनेस के अंतर्गत दो संबंधित अवधारणाएं होती हैं : सामान्य फिटनेस (स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती की एक स्थिति) और विशिष्ट फिटनेस (खेल या व्यवसायों के विशिष्ट पहलुओं को करने की योग्यता पर आधारित कार्योन्मुखी परिभाषा). सामान्यतः शारीरिक फिटनेस व्यायाम, सही आहार और पर्याप्त आराम के द्वारा हासिल हो जाती है। यह जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
बीते वर्षों में[कब?], फिटनेस को सामान्यतः बिना अधिक थकान के दिन की गतिविधियों को पूरा करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता था। हालांकि, स्वचालन के कारण आराम का समय बढ़ा, औद्योगिक क्रांति के बाद जीवन शैली में परिवर्तन से यह परिभाषा अपर्याप्त हो गई।[कृपया उद्धरण जोड़ें] इन दिनों, शारीरिक फिटनेस को कार्य और आराम की गतिविधियों को दक्षता और प्रभावी ढंग से करने, स्वस्थ होने, कम गतिज बीमारियों की प्रतिरोधक शक्ति, तथा आकस्मिक स्थितियों का सामना करने की शारीरिक क्षमता का मापदंड माना जाता है।
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शारीरिक क्षमता परीक्षण के उद्देश्य व लाभ इस प्रकार हैं।
शारीरिक क्षमता परीक्षण के उद्देश्य : –
- शारीरिक क्षमता परीक्षण का प्रथम उद्देश्य विद्यार्थियों को शारीरिक रूप से यह हृष्ट-पुष्ट करना है, ताकि उनका स्वास्थ्य उत्तम हो।
- विद्यार्थियों में खेल खेलों के प्रति अभिरुचि पैदा हो, क्योंकि खेल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होते हैं।
- शारीरिक क्षमता परीक्षण से शरीर की क्षमता भी परख होती है और शरीर में क्या-कमी है और क्या प्रगति होनी चाहिए इस बात का अनुमान लगता है।
शारीरिक क्षमता परीक्षण के लाभ :–
- शारीरिक क्षमता परीक्षण से उत्तम स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
- इस परीक्षण से पिछली उपलब्धियों को दृष्टिगत करते हुए आगे का लक्ष्य पूरा करने में सहायता मिलती है।
- शारीरिक क्षमता परीक्षण से स्वास्थ्य को उत्तम बनाने में सहायता मिलती है और शारीरिक क्षमता में सुधार भी होता है।
- शारीरिक क्षमता परीक्षण से स्वास्थ्य को उत्तम बनाने की प्रेरणा मिलती है यह विद्यार्थियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए प्रेरित करता है।