शब्दो के भेद पह्चानिए - यह निर्माणों का (पावन) युग है|
Answers
Answered by
0
Answer:
इसे सुनें
'निर्माणों के पावन युग में' कविता भारत के पूर्व प्रधानमंत्री 'श्री अटल बिहारी वाजपेई' द्वारा रचित एक प्रेरक कविता है। इस कविता में श्री वाजपेई जी ने जीवन के विकास के साथ-साथ अपने व्यक्तित्व और प्रकृति के कल्याण के लिए सजग रहने की प्रेरणा दी है। भावार्थ — वाजपेई जी कहते हैं कि आज का युग परिवर्तन शील युग है।
Explanation:
mark as branliest
I think it will help you
Similar questions
Physics,
2 months ago
Math,
2 months ago
History,
4 months ago
Geography,
4 months ago
Social Sciences,
9 months ago
Social Sciences,
9 months ago