धनायन अपने जनक परमाणुओं से छोटे क्यों होते हैं और ऋणायनों की क्रिया उनके जनक परमाणुओं की त्रिज्या से अधिक क्यों होती है? व्याख्या कीजिए।
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धनायन और ऋणायनों की त्रिज्या अपने जनक परमाणुओं से प्रभवी नभिकिये आवेश (Effective Nuclear Charge ) के कारण बदलती रहती है |
Explanation:
धनायन अपने जनक परमाणुओं से छोटे होते है क्यूंकी एक या एक से अधिक इलेक्ट्रॉन निकालने के बाद प्रभवी नभिकिये आवेश (Effective Nuclear Charge ) बढ़ जाता है , जिसकी वजह से नाभिक के आकर्षण का बल संयोजक के इलेक्ट्रॉन के लिए बढ़ जाता है और इसलिए आयनिक त्रिज्या घट जाता है | ऋणायनों की त्रिज्या उनके जनक परमाणुओं की त्रिज्या से अधिक हो जाती है क्यूंकी एक या एक से अधिक इकेक्टरों के जुरने के कारण प्रभवी नभिकिये आवेश (Effective Nuclear Charge ) घट जाता है , जिसकी वजह से नाभिक के आकर्षण का बल संयोजक के इलेक्ट्रॉन के लिए घट जाता है और इसलिए आयनिक त्रिज्या ऋणायनों का बढ़ जाता है |
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