उनन्नीसवीं शताब्दी में औद्योगिकीकरण ने इंग्लैंड में शिल्प उत्पादन को बदल दिया। बीसवीं शताब्दी में किस प्रकार उसने भारत में शिल्प उद्योग को बदला?
Answers
Answered by
0
उनन्नीसवीं शताब्दी में औद्योगिकीकरण ने इंग्लैंड में शिल्प उत्पादन को बदल दिया। बीसवीं शताब्दी में किस प्रकार उसने भारत में शिल्प उद्योग को बदला?
Explanation:
उत्तर :- उन्नीसवीं शताब्दी में हुए औद्यागिकीकरण ने इंग्लैंड को शिल्प उत्पादन क्षेत्र को एक नया परिचय दिया। अब वहाँ पर हाथों से काम करने वाले कारीगर कारखानों में मशीनों के द्वारा काम करके वस्तुएँ बनाने लगे। जिससे कम परिश्रम में बहुत तेजी से वस्तुएँ बनने लगी। इसी वजह से ब्रिटेन के वस्तुओं के लिए एक बड़े सी बाजार की जरूरत सामने आई। जो की बाद में बाजार के तौर पर भारत बना। अब पूरा का पूरा कारोबार उलट ही गया। अब ब्रिटेन के कपड़े भारत में बिकने लगीं।
बीसवीं शताब्दी में भारत सिर्फ एक कच्चे माल की पूर्ति करने वाला देश बन कर रह गया, जो की ब्रिटेन को कपास जैसे कच्चा माल देता था। ऐसे में भारत में मौजूद बचे-खुचे कारीगर और शिल्पकार भी यहाँ बने विदेशी कारखानों तथा बाज़ारों की और रुख कर बैठे। जिससे भारतीय शिल्प को काफी हानि भी हुई।
Similar questions