Political Science, asked by BAfirstyearNeha11, 1 year ago

upniveshvad ko paribhasit Kijiye tatha Uske Bhartiya rajvyavastha par Prabhav ki paricharcha kijiye

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Answered by annuharvanvi
39
Hey dear....

Ye reha aapka ans.

उपनिवेशवाद का अभिप्राय उस स्थिति से हैं, जिसमें कोई राष्ट्र अपनी राजनीतिक शक्ति का विस्तार अन्य राष्ट्रों पर कर नियंत्रण स्थापित कर वहां के संसाधनों का अपने हित में शोषण करता है।


Effects :


भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश शासन के विस्तृत प्रभावों का वर्णन निम्नानुसार है-

अनौद्योगीकरण- भारतीय हस्तशिल्प का ह्रास

1818 के चार्टर एक्ट द्वारा ब्रिटिश नागरिकों को भारत से व्यापार करने की छूट मिलने के फलस्वरूप, भारतीय बाजार सस्ते एवं मशीन-निर्मित आयात से भर गया। दूसरी ओर, भारतीय उत्पादों के लिये यूरोपीय बाजारों में प्रवेश करना अत्यंत कठिन हो गया। 1820 के पश्चात तो यूरोपीय बाजार भारतीय उत्पादों के लिये लगभग बंद ही हो गये। भारत में रेलवे के विकास ने यूरोपीय उत्पादों को भारत के दूर-दराज के क्षेत्रों तक पहुंचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।

भारत में परंपरागत हस्तशिल्प उद्योग का ह्रास इसलिये नहीं हुआ कि यहां औद्योगीकरण या औद्योगिक क्रांति हुयी। बल्कि यह ह्रास अंग्रेजी माल के भारतीय बाजारों में भर जाने से हुआ क्योंकि भारतीय हस्तशिल्प, अंग्रेजों के सस्ते माल का मुकाबला नहीं कर सका। लेकिन इस अवधि में यूरोप के अन्य देशों के परंपरागत हस्तशिल्प उद्योग में भी गिरावट आयी पर इसका कारण वहां कारखानों का विकसित होना था। यह वह समय था जहां एक ओर भारतीय हस्तशिल्प उद्योग तेजी से पतन की ओर अग्रसर था तथा वह अपनी मृत्यु के कगार पर पहुंच गया था, वहीं दूसरी ओर इस काल में इंग्लैण्ड में औद्योगिक क्रांति तेजी से अपने पैर जमा रही थी तथा देश का तेजी से औद्योगिकीकरण हो रहा था। इस समय भारतीय शिल्पकार एवं दस्तकार पर्याप्त संरक्षण के अभाव में विषम परिस्थितियों के दौर से गुजर रहे थे, वहीं नये पाश्चात्य अनुप्रयोगों तथा तकनीक ने उनके संकट को और गंभीर बना दिया।

अनौद्योगीकरण का एक और नकारात्मक प्रभाव था- भारत के अनेक शहरों का पतन तथा भारतीय शिल्पियों का गावों की ओर पलायन। अंग्रेजों की शोषणकारी तथा भेदभावमूलक नीतियों के कारण बहुत से भारतीय दस्तकारों ने अपने परंपरागत व्यवसाय को त्याग दिया तथा वे गांवों में जाकर खेती करने लगे। (उदाहरणार्थ- बंगाल में कंपनी शासन के दौरान दस्तकारों एवं शिल्पकारों को बहुत कम दरों पर काम करने तथा अपने उत्पाद अत्यंत कम मूल्यों पर बेचने हेतु विवश किया गया)। इससे भूमि पर दबाव बढ़ा। अंग्रेज सरकार की कृषि विरोधी नीतियों के कारण यह क्षेत्र पहले से ही संकटग्रस्त था और भूमि पर दबाव बढ़ने के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था बिल्कुल चरमरा गयी।

भारत एक सम्पूर्ण निर्यातक देश से सम्पूर्ण आयातक देश बन गया। 

Hope it helps you!!!


Answered by dualadmire
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उपनिवेशवाद की परिभाषा : किसी एक भौगोलिक क्षेत्र के लोगों का दुसरे भौगोलिक क्षेत्र में उपनिवेश करना उपनिवेशवाद कहलाता है। अर्थात किसी एक भोगोलिक क्षेत्र के लोगों का दुसरे भोगोलिच क्षेत्र में यह मान्यता रखना की उनकी इच्छा अनुसार क्या काम अच्छा है।

भारतीय राजव्यवस्था पर उपनिवेशवाद का गहन प्रभाव पड़ा है। यह उपनिवेशवाद के कारण ही सम्भव हो पाया की भारत में अनेकों फैक्ट्रियों की स्थापना हुई ओर भारत आधुनिकीकरण की दिशा में आगे बढा। कृषि क्षेत्र में भी उपनिवेशवाद का अहम योगदान रहा है।अनेकों प्रयास हुये और अनेकों नई तकनीकों के कारण ही हरित क्रांती ओर दुग्ध क्रांती जैसी क्रांतियों का आगाज़ हुआ।

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