व्याख्या करें कि सरकार के अभाव में राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती।
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Answer:
राज्य एक भावनात्मक विचार है। यह एक अदृश्य संस्था है। इसे साकार एवं मूर्त प्रदान करने वाली संस्था को ही ‘सरकार’ कहते हैं। सरकार द्वारा ही राज्य का निर्माण होता है और राज्य की सामूहिक सामूहिक इच्छा को निर्धारित, अभिव्यक्त एवं कार्यान्वित किया जाता है। इसलिए कहा जा सकता है कि सरकार के अभाव में राज्य की कल्पना ही नहीं की जा सकती।
राज्य का तात्पर्य एक निश्चित भूभाग में बसने वाले लोग हैं और उस निश्चित भूभाग को व्यवस्थित नियंत्रित करने और उस में बसने वाले लोगों को सेवा प्रदान करने वाली संस्था को ‘सरकार’ कहते हैं। सरकरा उन लोगों के लिए कानूनों का निर्माण करती है, उनका निष्पादन करती है, कानून का पालन न करने वालों को दंडित करती है।
एक विद्वान की परिभाषा के अनुसार सरकार वह अभिकरण या मशीन है जिसके द्वारा राज्य की नीति निर्धारित की जाती है, सामान्य मामलों को नियमित किया जाता है तथा सामान्य हितों को उन्नत किया जाता है।
Explanation:
जिनके द्वारा देश की शासन-व्यवस्था के ढाँचे को निर्धारित किया जा सके और सरकार की कार्यप्रणाली के विषय में जाना जा सके। राज्य के लिए संविधान की अनिवार्यता बतलाते हुए जैलीनेक ने कहा कि “संविधानहीन राज्य की कल्पना नहीं की जा सकती, संविधान के अभाव में राज्य, राज्य न होकर एक प्रकार की अराजकता होगी।