India Languages, asked by ManasaOMG, 1 year ago

write a story on apj Abdul kalam 11 president of india in Hindi if you are wondering how in Hindi write in paper and send photo

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Answered by creamiepie
4
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डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का भारत के अंतरिक्ष और रक्षा विभाग के लिए किए गए योगदान को, किसी भी विश्लेषण द्वारा समझाया नहीं जा सकता। इनके इस अतुलनीय योगदान के कारण ही इन्हें मिसाइल मैन (Missile Man of India) के नाम से भी जाना जाता है। विज्ञान की दुनिया में चमत्कारिक प्रदर्शन के कारण ही डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए राष्ट्रपति भवन के द्वार स्वत: ही खुल गए थे। इनकी जीवन गाथा किसी रोचक उपन्यास के नायक की कहानी से कम नहीं है। चमत्कारिक प्रतिभा के धनी डॉ अब्दुल कलाम का व्यक्तित्व इतना उन्नत है कि इन्होंने सभी धर्म, जाति एवं सम्प्रदायों के व्यक्तियों का दिल जीत लिया है। यह एक ऐसे भारतीय हैं जो सभी के लिए ‘एक महान आदर्श’ हैं। आज हम आपको डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन से जुडी ऐसी कहानियाँ बताने जा रहे हैं, जिनको पढ़ने के बाद निश्चित ही आपके दिल में डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के लिए सम्मान और बढ़ जाएगा।

Inspiring Real Life Incidents/Stories From The Life of APJ Abdul Kalam

Story#1: Abdul Kalam – “Humanity”
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम ने इमारत की दीवार पर टूटे हुए शीशों के टुकड़े लगाने के सुझाव को ठुकरा दिया था। क्योकि इससे दीवार पर बैठने वाले पक्षियों को चोट लग सकती थी



यह बात उस समय की है, जब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम डिफेन्स रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन (DRDO) में काम कर रहे थे। तब भवन की सुरक्षा के लिए उनके साथ काम कर रहे अन्य लोगों ने इमारत की दीवार पर टूटे हुए शीशों के टुकड़े लगाने के बारे में सुझाव दिया। लेकिन जब यह बात डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को पता चली, तब उन्होंने ऐसा करने से सबको रोक। क्योकि ऐसा करने से, उस दीवार पर बैठने वाले पक्षी घायल हो सकते थे।

Story#2 : Abdul Kalam – “Leadership”
इस घोषणा के तुरंत बाद कि डॉ कलाम देश के अगले राष्ट्रपति हो सकते हैं, वह एक स्कूल में भाषण देने गए। वहाँ बिजली कट जाने के कारण, उन्होंने कैसे स्थिति को नियंत्रित किया।

उस समय स्कूल में, लगभग 400 विद्यार्थी डॉ कलाम का भाषण सुनने आये थे, लेकिन तभी वहां बिजली चली गयी। लेकिन डॉ कलाम ने अपना भाषण नहीं रोका, वह भीड़ के बीच में चले गए और अपनी बुलंद आवाज में वहीं से अपना भाषण पूरा किया।


Story#3: Abdul Kalam – “Humbleness”
एक बार, जब कुछ युवाओं और किशोरों ने, राष्ट्रपति कलाम से मिलने का अनुरोध किया, तब राष्ट्रपति ने न केवल उन्हें अपना कीमती समय दिया, बल्कि उनके विचारों को गौर से सुना भी!

एक बार जब राष्ट्रपति कार्यालय में, कुछ युवाओं ने देश के प्रथम नागरिक राष्ट्रपति कलाम से मिलने का अनुरोध किया। तब डॉ कलाम, न केवल उन बच्चों से राष्ट्रपति भवन के अपने निजी कक्ष में मिले, बल्कि उन्हें अपना कीमती समय भी दिया और साथ ही उनके विचारों को ध्यान से सुना भी। इसके बाद उन्होंने, बच्चों को विस्तार से जानकारी भी दी।

Story#4: Abdul Kalam – “Charity”
राष्टपति कलाम ने अपने जीवन भर की बचत और वेतन, एक संस्था PURA (जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी सुविधाएं उपलब्ध कराना है) को दे दिया।

भारत सरकार, वर्तमान राष्ट्रपति के साथ-साथ सभी पूर्व राष्ट्रपति का ख्याल रखती है। इसलिए जब डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, राष्ट्रपति बने तो उन्होंने अपने जीवनभर की कमाई, PURA नामक संस्था को दे दिया। डॉ कलाम ने डॉ वर्गीज कुरियन (अमूल के संस्थापक) को फोन किया और यह पूछा कि अब मैं इस देश का राष्ट्रपति हूँ और भारत सरकार, मेरे जीवित रहने तक, मेरा ख्याल रखेगी, इसलिए मैं इस बचत और वेतन का क्या करूँगा?

Story#5: Abdul Kalam – “Gratitude”
राष्ट्रपति कलाम ने, खुद अपने से धन्यवाद कार्ड लिखा!

एक बार एक व्यक्ति ने डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का स्कैच बना कर उन्हें भेजा। उन्हें यह जान कर बहुत आश्चर्य हुआ कि डॉ कलाम ने खुद अपने हाथों से उनके लिए एक संदेश और अपना हस्ताक्षर करके एक थैंक यू कार्ड भेजा है।

Story#6: Abdul Kalam – “Love”
डॉ कलाम का बच्चों के प्रति प्यार



एक बार डॉ कलाम, आईआईएम अहमदाबाद गए थे। समाहरोह के बाद, उन्होंने 60 बच्चों के साथ खाना खाया। लंच ख़त्म होने के बाद, बच्चें उनके साथ एक फोटो खिचवाना चाहते थे। लेकिन कार्यक्रम के आयोजको ने, बच्चों को ऐसा करने से रोका। डॉ कलाम, खुद आगे बढ़कर बच्चों के साथ फोटो खिचवाई, यह देखकर सभी को बहुत आश्चर्य हुआ।


Story#7: Abdul Kalam – “Values”
एक बार डॉ कलाम ने एक कुर्सी पर बैठने से मना कर दिया।

आईआईटी वाराणसी के दीक्षांत समारोह में, डॉ कलाम को मुख्य अथिति के रूप में बुलाया गया। स्टेज पर 5 कुर्सियां रखी थी। बीच वाली कुर्सी, डॉ कलाम की थी और बाकि चार विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारियों के लिए। डॉ कलाम ने यह देखा कि उनकी कुर्सी, अन्य की तुलना में थोड़ी ऊची थी। तब उन्होंने इस पर बैठने से मना कर दिया और उस पर विश्वविद्यालय के कुलपति को बैठने के लिए अनुरोध किया।

Story#8: Abdul Kalam – “Love”
डॉ कलाम का बच्चों के प्रति प्यार

जब डॉ कलाम डीआरडीओ में काम कर रहे थे, तब एक बार उनके नीचे काम कर रहे एक वैज्ञानिक ने, अपने बच्चों को प्रदर्शनी ले जाने का वादा किया। लेकिन काम के दबाव के कारण, वह बच्चें को प्रदर्शनी में नहीं ले जा सका। जब यह बात, डॉ कलाम को पता चली तो उन्हें बहुत हैरानी हुई और वह खुद उस वैज्ञानिक के बच्चों को प्रदर्शनी में लेकर गए।






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