अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण अपने शब्दों में कीजिए।
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अगहन मास की विशेषता बताते हुए विरहिणी (नागमती) की व्यथा-कथा का चित्रण निम्नलिखित है
Explanation:
विरहिणी (नागमती) के लिए अगहन मास में दिन का छोटा होना तथा रात का बड़ा हो जाना बड़ा ही कष्टदायक होता है। क्यूंकि दिन तो जैसे तैसे कट जाता है परन्तु रात का काटना बड़ा ही कष्टप्रद हो जाता है। घर में अकेला होने के कारण नागमती को पति की याद सताती है। अतः यह स्थिति नागमती को वियोग के चरम तक ले जाती है। नागमती की स्थिति ऐसे ही है जैसे दीपक की बाती पूरी रात जलती रहती है। अगहन मास की जमाने वालो ठण्ड में नागमती का हृदय काँप उठता है। वह ठण्ड भी झेल जाती अगर उसके पति साथ होते परन्तु उनकी अनुपस्थिति में वह यह सोच कर व्याकुल हो रही है। स्त्रियां अपने पति की पति की उपस्थिति में बनाव श्रृंगार करने लगती हैं परन्तु यह नागमती के लिए कष्टप्रद लगता है क्यूंकि उसके पति प्रदेश में हैं। नागमती को अगहन मास की ठण्ड भी कुछ रहत नहीं देती। लोग ठण्ड से बचने के लिए अलग अलग स्थान पर आग जलाकर बैठे रहते हैं। परन्तु नागमती को विरह रुपी अग्नि अंदर -ही -अंदर जला रही है।