Hindi, asked by ritu23mehta, 10 months ago

Example of vatsalya Ras

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Answered by Anonymous
9

hope it will help u.....

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Answered by piyush27go
4

hope it helps

thank you

इसका स्थायी भाव वात्सल्यता (अनुराग) होता है माता का पुत्र के प्रति प्रेम, बड़ों का बच्चों के प्रति प्रेम, गुरुओं का शिष्य के प्रति प्रेम, बड़े भाई का छोटे भाई के प्रति प्रेम आदि का भाव स्नेह कहलाता है यही स्नेह का भाव परिपुष्ट होकर वात्सल्य रस कहलाता है

Vatsalya Ras ke Udaharan

बाल दसा सुख निरखि जसोदा, पुनि पुनि नन्द बुलवाति

अंचरा-तर लै ढ़ाकी सूर, प्रभु कौ दूध पियावति

सन्देश देवकी सों कहिए

हौं तो धाम तिहारे सुत कि कृपा करत ही रहियो

तुक तौ टेव जानि तिहि है हौ तऊ, मोहि कहि आवै

प्रात उठत मेरे लाल लडैतहि माखन रोटी भावै

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