"Question 2 निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए − जब व्यवहारिकता का बखान होने लगता है तब 'प्रेक्टिकल आइडियालिस्टों' के जीवन से आदर्श धीरे-धीरे पीछे हटने लगते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझ-बूझ ही आगे आने लगती है?
Class 10 - Hindi - पतझर में टूटी पत्तियाँ Page 123"
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यह पंक्तियां गिन्नी का सोना पाठ से ली गई है इसके लेखक रविंद्र केलेकर है।
लेखक कहता है कि जो लोग आदर्शों के साथ-साथ व्यवहारिकता को भी लेकर चलते हैं उन्हें प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट कहां जाता है । ऐसे लोग आदर्शों को केवल थोड़ा सा अपनाते हैं । जब व्यवहारिकता का वर्णन होने लगता है तो यह लोग धीरे-धीरे अपने आदर्शों को छोड़ कर चले जाते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझबूझ ही सामने आने लगती है। जिन आदर्शों कि वे बात करते हैं वे कहीं भी दिखाई नहीं देते।================================================================================================================================
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
लेखक कहता है कि जो लोग आदर्शों के साथ-साथ व्यवहारिकता को भी लेकर चलते हैं उन्हें प्रैक्टिकल आइडियालिस्ट कहां जाता है । ऐसे लोग आदर्शों को केवल थोड़ा सा अपनाते हैं । जब व्यवहारिकता का वर्णन होने लगता है तो यह लोग धीरे-धीरे अपने आदर्शों को छोड़ कर चले जाते हैं और उनकी व्यवहारिक सूझबूझ ही सामने आने लगती है। जिन आदर्शों कि वे बात करते हैं वे कहीं भी दिखाई नहीं देते।================================================================================================================================
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Master bhi nu khede ise na padana Naam hai asu khatana
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