सातवीं सदी के बड़े भू-स्वामी और योद्धा-सरदार को उस समय के राजा किस रूप में मान्यता देते थे?
· राष्ट्रकूट
· चालुक्य
· सामन्त
· ब्राह्मण
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Ruiz hcg taught ayfdkhftq sghcmbcheteiv. ndjhstehfjlvlndgwtgry
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सही विकल्प होगा...
✔ सामन्त
स्पष्टीकरण ⦂
सातवीं सदी के आरंभ होते होते भारतीय उपमहाद्वीप के अलग-अलग भागों में अनेक राजवंशों का उदय हो चुका था। इसके साथ ही उपमहादीप के अलग-अलग भागों में बड़े बड़े भूस्वामी और योद्धा सरदार अस्तित्व में आ चुके थे। राजवंशों के राजा लोग उन्हें प्रायः सामंत के रूप में मान्यता देते थे और उन्हें अपना मातहत भी मानते थे।
- राजा लोग उनसे उम्मीद रखे थे कि सामंत लोग उनके के लिए उपहार लेकर आएं। उनके दरबार में नित्य हाजिरी लगाएं और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सैन्य सहायता उपलब्ध कराएं।
- जो सामंत लोग बहुत अधिक सत्ता, शक्ति और संपदा हासिल कर लेते थे, वह अपने आप को महासामंत या महामंडलेश्वर इत्यादि घोषित कर देते थे। बहुत से सामंत लोग स्वयं को अपने राजा के अधिपत्य से स्वतंत्र होने की भी घोषणा कर देते थे।
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