Hindi, asked by Harshitagoswami5248, 9 months ago

दामी पिंजरे की देख-रेख में राजा के भानजे बहुत व्यस्त रहने लगे । इतने व्यस्त कि व्यस्तता की कोई सीमा न रही । मरम्मत के काम भी लगे रहते । फिर झाड़ू-पोंछ और पालिश की धूम भी मची ही रहती थी । जो भी देखता, यही कहता कि "उन्नति हो रही है ।" इन कामों पर अनेक-अनेक लोग लगाये गये और उनके अनेक कामों की देख-रेख करने पर और भी अनेक लोग लगे । सब महीने-महीने मोटे-मोटे वेतन ले-लेकर बङे-बङे सन्दूक भरने लगे ।
(अ) उपर्युक्त गद्यांश का सन्दर्भ अथवा पाठ और लेखक का नाम लिखिए ।
(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए ।
(स) पिंजरे की देख-रेख में कौन व्यस्त रहते थे ?

Answers

Answered by vikasbarman272
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(क) प्रस्तुत अंश लोकप्रिय हिंदी लेखक रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित हमारी पाठ्य-पुस्तक की 'कहानी तोता' के गद्य खंड के अंतर्गत उद्धृत किया गया है।

पाठ का नाम- तोता।

लेखक का नाम - रवींद्रनाथ टैगोर

(ख) रेखांकित भाग की व्याख्या - लेखक कहता है कि तोते की देख-भाल इतनी बढ़ गई है कि दामी अर्थात राजा के भतीजे अब पूरी तरह से उसकी (तोते की) सेवा में लग गए। इतना भ्रमित होने लगा कि

असीम। चारों तरफ काम ही काम नजर आ रहा था। फिर कहीं झाडू, पोछा जैसी सफाई किसी चीज को लगाने या पॉलिश करने जैसी चीजों की काफी हो-हल्ला हुआ करती थी। जो कुछ भी देखते तो कहते कि काम तो चल रहा है यानी काम पूरी ताकत से चल रहा है। कोई भी शिकायत का कोई मौका नहीं है। लेखक का तात्पर्य यह है कि देश की दशा और उसके सुधार की बहुत चर्चा थी । देश के राजनेता सुधारों के लिए पूरी तत्परता दिखा रहे हैं। समाचार पत्र, रेडियो और टेलीविजन की वही सुर्खियां बनी हुई हैं कि "देश विकसित हो रहा है"।

(c) राजा का भांजे दामी पिंजरे की देखभाल में व्यस्त थे ।

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